प्रकाशित - 12 Jun 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
कपास की खेती (cotton cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। बाजार में कपास की कीमतों में तेजी दिखाई दे रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार कपास की खेती का रकबा बढ़ सकता है। दक्षिण भारत के राज्यों में तो मानसून आने के साथ ही कपास की बुवाई का काम शुरू हो गया है। जबकि उत्तर भारत में मानसून देरी से कपास का रकबा कम रह सकता है। इस सब के बीच इन दिनों बाजार में कपास के भाव (cotton prices) एमएसपी (MSP) से 1000 रुपए प्रति क्विंटल ऊपर बने हुए हैं जो किसानों को कपास की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
दक्षिण भारत के राज्यों में कपास का रकबा बढ़ सकता है जिसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तेलंगाना आदि शामिल हैं। यहां कपास उत्पादक क्षेत्रों में कई बारिश हो चुकी हैं, जिससे कपास की फसल अच्छी होने का अनुमान है। यहां कपास की बुवाई का काम शुरू हो गया है और किसानों को उम्मीद है कि इस बार कपास का बेहतर उत्पादन होगा। इसके विपरित उत्तर भारत के लोगों को मानसून की बारिश का इंतजार है और उसी के आधार पर तय होगा कि कितने क्षेत्र में कपास की बुवाई होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडस्ट्री को उम्मीद है कि तेलंगाना में कपास का रकबा बढ़ेगा, क्योंकि यहां के किसानों का मिर्च की खेती के प्रति मोह कम होता जा रहा है। इसका मुख्य कारण मसालों की कीमतों का कमजोर होना है। यहां तेलंगाना में बुवाई सीजन से पहले ही कपास की कीमतें काफी अच्छी चल रही है जिससे कपास किसान उत्साहित हैं।
देश की कई मंडियों में कपास की कीमतें काफी अच्छी बनी हुई हैं। अधिकांश कपास उत्पादक क्षेत्रों में कपास के भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं। कपास की कीमतें एमएसपी से ऊपर होना काफी अच्छा संकेत है। इससे यह आशा की जा सकती है कि इस बार कपास किसानों को अपनी कपास की फसल काे बेचने से अच्छा पैसा मिल सकता है। कमोडिटी ऑनलाइन मंडी के मुताबिक वर्तमान बाजार दरों के अनुसार कपास का औसत मूल्य 6795.31 रुपए प्रति क्विंटल है और सबसे अधिक बाजार कीमत 8611 रुपए प्रति क्विंटल है। ऐसे में कपास की कीमतों पर नजर डाले तो कपास की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर चल रही हैं।
केंद्र सरकार की ओर से साल में दो बार रबी व खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी तय किया जाता है और उसी रेट पर पूरे देश की सरकारी मंडियों में कपास की खरीद की जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए मध्यम स्टेपल कपास का एमएसपी 6080 रुपए प्रति क्विंटल और लंबा स्टेपल कपास का एमएसपी 7020 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक व तेलंगाना के कुछ भागों में कपास की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर चल रही हैं जो 7500 रुपए या 7600 रुपए के आसपास हैं। वहीं कपास के बीजों की कीमतें भी ऊपर चल रही हैं। कमोडिटी ऑनलाइन मंडी भाव के अनुसार देश की विभिन्न मंडियों में कपास के भाव इस प्रकार से रहे-
अमरेली की बबरा मंडी में कपास का भाव- 7445 रुपए प्रति क्विंटल
छोटा उदयपुर की हदद मंडी में कपास का भाव- 7250 रुपए प्रति क्विंटल
छोटा उदयपुर की कालेडिया मंडी में कपास का भाव- 7350 रुपए प्रति क्विंटल
छोटा उदयपुर की मोडासर मंडी में कपास का भाव- 7000 रुपए प्रति क्विंटल
अमेरली की बगसरा मंडी में कपास का भाव- 6425 रुपए प्रति क्विंटल
जूनागढ़ की मानवदार मंडी में कपास का भाव- 7200 रुपए प्रति क्विंटल
भावनगर मंडी में कपास का भाव- 7090 रुपए प्रति क्विंटल
भावनगर की महुवा (स्टेशन रोड) मंडी में कपास का भाव- 6905 रुपए प्रति क्विंटल
वर्धा की सिंडी (सेलु) मंडी में कपास का भाव 7550 रुपए प्रति क्विंटल
अमरावती मंडी में कपास का भाव- 7200 रुपए प्रति क्विंटल
वर्धा की अष्टी मंडी में कपास का भाव- 7300 रुपए प्रति क्विंटल
चित्रदुर्ग मंडी में कपास का भाव- 8611 रुपए प्रति क्विंटल
बीजापुर मंडी में कपास का भाव- 7694 रुपए प्रति क्विंटल
आदिलाबाद मंडी में कपास का भाव- 6950 रुपए प्रति क्विंटल
खम्मम मंडी में कपास का भाव- 6950 रुपए प्रति क्विंटल
करीमनगर की जम्मीकुंटा मंडी में कपास का भाव- 7350 रुपए प्रति क्विंटल
सिरसा की एलानाबाद मंडी में कपास का भाव- 7100 रुपए प्रति क्विंटल
सिरसा की नई अनाज मंडी में कपास का भाव- 7085 रुपए प्रति क्विंटल
हिसार के आदमपुर मंडी में कपास का भाव- 6870 रुपए प्रति क्विंटल
आंध्रप्रदेश के कुरनूल की अदोनी मंडी में कपास का भाव- 7569 रुपए प्रति क्विंटल
बाजार एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार उत्तरी भारत में मानसून की देरी के कारण कपास का रकबा कम हो सकता है। ऐसे में यहां कपास की बुवाई कम होने का अनुमान है। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक, तेलंगाना जैसे दक्षिणी राज्याें में बारिश होने से किसान खुश हैं और इस बार अधिक क्षेत्र में बुवाई कर सकते हैं। इस प्रकार देखा जाए तो बाजार में कपास के भाव एमएसपी से ऊपर बने रहेंगे और आने वाले समय में कपास के भावों में और तेजी का रूख देखा जा सकता है।
उपरोक्त मंडियों में कपास के ये अधिकतम भाव हैं। मंडी के भावों में रोजाना उतार-चढ़ाव बना रहता है। ऐसे में किसान कपास की फसल का विक्रय करने से पहले अपनी स्थानीय मंडी में कपास के भावों की जानकारी अवश्य कर लें और उसके बाद ही कपास की खरीद फरोख्त करें।
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